आप ही हो माता-पिता,
आप ही हो भगवान।
जिस-जिस ने आपके चरण छुए,
हो गए हैं महान।
जब-जब मैं ग़लत राह पर चलूँ,
सदा मुझे डाँटते रहना।
अपनी ज्ञान की झोली से,
मुझे ज्ञान बाँटते रहना।
आपके दर्शन मात्र से ही,
जीवन मेरा धन्य हो जाता है।
आपके आशीर्वाद से तो,
मेरे ज्ञान का महत्व बढ़ जाता है।
आप अपने आशीर्वाद से,
मेरे जीवन में चमत्कार करो।
बड़ी छोटी-सी दक्षिणा लाया हूँ मगर,
हे गुरुवर! आप इसे स्वीकार करो।
©Niraj Yadav (Bhopatpur Nayakatola, Motihari : Bihar)