Saturday, 19 September 2020

समय

             समय का सम्मान करो,
             वरना दु:ख भरी गीत गाते रहोगे।
             समय से पहले अपना काम करो,
             वरना तुम पछताते रहोगे।

             समय केवल घड़ी को ही नहीं चलाता,
             बल्कि हमको भी चलाता है।
             टिक-टिक का आवाज़ करके वो शोर नहीं मचाता,
             बल्कि हमे सतर्क कराता है

 
              घड़ी तो अपने आप ख़राब हो जाते हैं।
              लेकिन समय को हम ख़राब कर देते है।
              घड़ी को तो हम सुधार देते है।
              लेकिन समय को सुधार नहीं पाते हैं।
                                        
                                               ---   निरज यादव



मेरे द्वारा रचित पुस्तक को जरूर पढ़े
“कविताएँ कोरोना काल की”

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26 comments:

  1. बहुत सुंदर है।
    सहज

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  2. Nice bro the way you express your feeling in your pom

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  3. Very well written.... Time is precious

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  4. Good to see growth in your writing skill

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  5. This comment has been removed by the author.

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  6. 👍👍👍👍👍👍👍

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गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।