Thursday, 29 October 2020

शायरी✍️✍️✍️🙏🙏 माता - पिता

जिसनें हमें जीवन दिया,

पूरी जिंदगी हमारे लिए चिंतन किया।

आखिर उन्हें हम क्यों भूला रहें है ?

जबकि भगवान हमारे पास ही है, तो किसको हम बूला रहे हैं?


                                       - कवि निरज यादव

Submitted for anthology


मेरा परिचय
मैं 10वीं कक्षा का छात्र हुँ। मेरा जन्म बिहार के मोतिहारी जिले के नयकाटोला गाँव मे हुआ हैं।
मेरे द्वारा रचित पुस्तक को जरूर पढ़े......



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गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।