Sunday, 18 October 2020

हमारे शिक्षक

पूरे साल भर मेहनत करते,

मन लगाकर पढ़ाते हमे।

जो ना समझ में आये हमको,

दोबारा समझाते हमे।


परीक्षा में अच्छा परिणाम आये,

इसके लिए जी - जान वो लगा देते हैं।

चाहे जितना भी मूर्ख हों हम ,

अपने परिश्नम से सफल बना देते हैं।


जब ग़लत राह पर चलते हम,

सही राह वो बताते हैं।

जो आँँधी में भी जलकर रोशनी फैलाये,

वैसा दीप बनाते हमे।


समाज के जाति - धर्म का भेद - भाव,

मिटाने को सिखाते हमे।

सभी धर्मों का आदर सम्मान,

करने को सिखाते हमे।


हमारे महान शिक्षकों को,

मेरा कर जोड़कर प्रणाम है।

मेरी यह छोटी - सी रचना,

उनके लिए एक सम्मान है।

(Submitted to HTW)

1 comment:

गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।