Thursday, 29 October 2020

शायरी✍️✍️✍️

जो आमने - सामने से जवाब दें, ऐसा जुबान चाहिए।

जो 24 घण्टें सिमा पर डटे रहें, ऐसा जवान चाहिए।

करें ना कभी जो आपस मे लड़ाई, 

सबके बीच एकता हो, वैसा हिन्दूस्तान चाहिए।

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गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।