Friday, 13 August 2021

Shayeri

अपने ज़िन्दगी का दर्द मैं सहता हूँ

कुछ तुम्हें कहता हूँ - कुछ उन्हें कहता हूँ

आख़िर कभी तो किस्मत पलटी, 

इसी आस में रहता हूँ

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गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।