Indian Author
अपने ज़िन्दगी का दर्द मैं सहता हूँ
कुछ तुम्हें कहता हूँ - कुछ उन्हें कहता हूँ
आख़िर कभी तो किस्मत पलटी,
इसी आस में रहता हूँ
इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।
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