पुरे पाँच साल भर नेता जी,
अपना मुँह दिखलाते नहीं।
किये हुए वादे कभी भी,
चाह कर भी निभाते नहीं।
चुनाव के वक्त पर नेता जी,
वोट माँगने आ जाते है।
गरीबों को गले लगाकर,
अपनी बातों में बहलाते है।
गाँव - गाँव मे घुमकर नेता जी,
बड़े - बड़े वादे कर देते है।
भोली - भाली जनता को बहलाकर,
उनसे वोट ले लेते है।
जब वे जीत जाते है,
आश लगयी बैठी जनता।
खुशी के गीत गाते है।
तब बुरी व्यवहार करते उनकी प्रवक्ता।
इसीलिए सोच - समझकर,
वोट हमे देनी चाहिए।
जो हमारे सपनों की करें कदर।
उनको ही चुनाव मे जितानी चाहिए ।
-- निरज यादव
Published in Anthology
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यह कविता 2020 मे बिहार में हो रही चुनाव के उपर लिखी है।मै चाहता हुँ कि बिहार की जनता एक अच्छे नेता को मुख्यमंत्री बनाये। अगर आपको यह कविता अच्छी लगी हो तो सभी को शेयर जरूर करें।
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Wowowowwo mast ha
ReplyDeleteAwesome keep it up
DeleteEXCELLENT
DeleteGood poem
ReplyDeleteWell written
ReplyDeleteKeep it up Niraj
ReplyDeleteI am proud you Niraj
ReplyDelete👍👍👍👍👍👍👍
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