Sunday, 18 October 2020

शायरी

 यूँ तो करते हो कईयों से प्यार।

अपने देश से भी प्रेम करो मेरे यार।

भले जाते हो शहर, तुम जाओं,

लेकिन भुल मत जाना अपने घर - द्वार।

                                                   - निरज यादव

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कविताएँ कोरोना काल की

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“Niraj and Dolly” poetry world


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गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।