यूँ तो करते हो कईयों से प्यार।
अपने देश से भी प्रेम करो मेरे यार।
भले जाते हो शहर, तुम जाओं,
लेकिन भुल मत जाना अपने घर - द्वार।
- निरज यादव
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“Niraj and Dolly” poetry world
Excellent 👌👌👍
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