Indian Author
हमारे रिश्ते को कोई तोड़े
ये कोई पतंग की डोर नहीं है
और चाहें मैं कितना भी बड़ा हो जाऊ,
मेरे पापा के कंधे इतने कमज़ोर नहीं है
इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।
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