Indian Author
आज कल के युवाओं का तो टाउन और शहर में रहने का दौर है.
लेकिन अपने गाँव में तो जाने का तो मज़ा ही कुछ और है
इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।
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