सब के देख के लागS ता कि बड़ा क्रोध में बाटे।
कि सब रोड़ पर निकलके जलाव S तारें सन टायर,
ऐ मोदी जी, एतना जल्दी मत करीं रिटायर।
पहिले रोज़गार, फिर बेरोज़गार,
ई कवन नीति ह S तोहार।
कि तोहार नियत अब जनता समझ गईल बा,
अब तुहो समझ ल कि कुर्सी हाथ से निकल गईल बा।
रउरा का - का कईले रहीं वादा,
अब लोगवा कहता आई हो दादा।
सब के दिल रउआ तोड़ देहनी,
हाथ बड़ाके रउआ बीच में छोड़ देहनी।
अभियो समय बा कुछ सुधार करीं,
अग्निपथ योजना पर रउआ बिचार करीं।
अगर ए में क देहब रउआ देरी,
तS समझ ली अबकी बार सरकार जरूरे गिरी।
लेखक: निरज यादव