उठकर चलना सिख।
कब तक दूसरों का इतिहास पढ़ेगा?
अब ख़ुद अपना इतिहास लिख।
अपना जीवन गुजार मत,
दूसरों के रास्ते पर चलते-चलते।
तु अपना रास्ता ख़ुद बना,
और उसी पर चल संभलते-संभवते।
तु अपने मंजिल तक ज़रूर पहुंचेगा,
बस ख़ुद पर इतना विश्वास रख।
चाहें जो भी हो जाए लेकिन हार मत मानना,
बस ज़ारी अपना प्रयास रख।
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