ऐ मोदी जी, राउर अब राज़ ना चली
जे मन में आवे ला से करेल S,
जनता से काहें ना तू डरेल S ?
भड़कल बाटे जनता अब गली-गली,
ऐ मोदी जी, राउर अब राज़ ना चली।
समझ नाहीं आवे, अपने आप के तू का बुझेल S?
अईसन-अईसन Idea कहाँ से सुझेला?
बने के कोशिश मत कर S तू बाहुबली,
ऐ मोदी जी, राउर अब राज़ ना चली।
अग्निपथ लावे के जरुरी का रहे?
का पहिले वाला नियम सही ना रहे?
ए स्कीम के विरोध में एक-एक जवान तोहसे लड़ी,
ऐ मोदी जी, राउर अब राज़ ना चली।
आर्मी सन के तू दर्द ना समझा S तारा S,
सिंहासन पर बैठ के बेदर्द हो गईल बाड़ा S।
लाग S ता अब तोहरा ऑफिसवे के बाहर टायर जली,
ऐ मोदी जी, राउर अब राज़ ना चली।
लेखक: निरज यादव (मोतिहारी, बिहार)
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