Friday, 9 December 2022

माँ का प्यार

माँ का प्यार


तुने मुझको इतना दुलारा, 

हूँ मैं तेरा सबसे प्यारा।

भूखे पेट कभी तुने सोने नहीं दिया मुझको, 

ख़ुद आँसू बहा ली मगर रोने नहीं दिया मुझको।


सदा तुने काला टीका लगाया, 

बुरी नज़रों से तुने मुझे बचाया।

और आज मैं तुझसे कई कोस दूर हूँ, 

ऐ माँ! मैं बहुत मजबूर हूँ।


सर्दियों की छुट्टी में तेरे पास आऊंगा माँ, 

तेरे हाथों के पकवान फिर खाऊंगा माँ।

तेरे आंचल में लिपटकर सो जाऊंगा माँ, 

बचपन की कहानियों में फिर खो जाऊंगा माँ।


मन नहीं करेगा फिर तुझे छोड़कर जाने को, 

मेरे हाथों की जली रोटियां फिर तोड़कर खाने को।

फिर अगले छुट्टी का इंतज़ार करता रहूँगा, 

वहीं से तुझे माँ प्यार करता रहूँगा।


©Niraj Yadav (Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

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