Friday, 9 December 2022

माँ के चेहरे पर

माँ के चेहरे पर


ना ही मैं धन - दौलत 

और मकान चाहता हूँ।

बस मेरे माँ के चेहरे पर, 

एक मुस्कान चाहता हूँ।


चाहता हूँ कि सदा, 

वह मुस्कुराती रहे।

मेरी हर गलतियों पर सदा, 

वह मुझे समझाती रहे।


चाहता हूँ कि सदा, 

वह मुझे डाँटती रहे।

अपनी हाथों से सदा, 

वह मुझे खिलाती रहे।


माँ की प्यार - दुलार में, 

मैं डूब जाना चाहता हूँ।

माँ की ममता पर, 

मैं ख़ूब गाना चाहता हूँ।


ना ही मैं धन - दौलत

और मकान चाहता हूँ।

बस मेरे माँ के चेहरे पर, 

एक मुस्कान चाहता हूँ।


© Niraj Yadav 🇮🇳

(Bhopatpur Nayakatola, Motihari : Bihar)

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