क्यों मुझे बिठाये हो छाँव में?
जबकि छाले पड़े है आपके पाँव में
आपने इतना मुझे क्यों दिया है सुख?
कि झेलना पड़ा आपको दुख।
पापा, आपने हर मेरी ख्वाहिशों को पूरा किया।
अपनी ख्वाहिशों को आपने क्यों अधूरा किया?
अपने -आपको गिराकर, मुझे सिखाया जिंदगी का उड़ान,
पापा, आप ही हो सबसे महान।
आपने ऊँगली पकड़कर चलाना सिखाया है,
अपने ही तो मुझे सही राह दिखाया है ।
मैं प्रयत्न करूँगा कि दे सकुँ जीवन भर सम्मान,
पापा, आप ही हो सबसे महान।
पापा, से ही मेरा जीवन पूरा होता है,
पापा ना हो तो परिवार अधूरा होता है।
पापा आप है तो समाज मे मेरा भी होता है सम्मान,
पापा, तुम ही हो सबसे महान।
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