Friday, 9 December 2022

माँ के चेहरे पर

माँ के चेहरे पर


ना ही मैं धन - दौलत 

और मकान चाहता हूँ।

बस मेरे माँ के चेहरे पर, 

एक मुस्कान चाहता हूँ।


चाहता हूँ कि सदा, 

वह मुस्कुराती रहे।

मेरी हर गलतियों पर सदा, 

वह मुझे समझाती रहे।


चाहता हूँ कि सदा, 

वह मुझे डाँटती रहे।

अपनी हाथों से सदा, 

वह मुझे खिलाती रहे।


माँ की प्यार - दुलार में, 

मैं डूब जाना चाहता हूँ।

माँ की ममता पर, 

मैं ख़ूब गाना चाहता हूँ।


ना ही मैं धन - दौलत

और मकान चाहता हूँ।

बस मेरे माँ के चेहरे पर, 

एक मुस्कान चाहता हूँ।


© Niraj Yadav 🇮🇳

(Bhopatpur Nayakatola, Motihari : Bihar)

बचपन की कहानी सुनाओ ना...

बचपन की कहानी सुनाओ ना...


माँ मेरे... बचपन की कहानी

फिर से सुनाओ ना... 

‘तू मेरा लाडला है’ कहकर, 

फिर से बुलाओ ना... 

माँ मेरे... बचपन की कहानी

फिर से सुनाओ ना... 


आया हूँ कई वर्षों बाद

अपने हाथों से खिलाओ ना... 

शैतानी करूँ तो मुझे, 

थोड़ा डांट भी लगाओ ना... 

माँ मेरे... बचपन की कहानी

फिर से सुनाओ ना... 


भटकूँ ना अपने मंजिल से

इसके लिए ठीक से मुझे समझाओ ना... 

गर भटक जाऊँ तो मुझे

सही राह दिखलाओ ना... 

माँ मेरे... बचपन की कहानी

फिर से सुनाओ ना... 


जो तू कहा करती थी मेरे बचपन में

उसको फिर से दोहराओ ना... 

माँ मेरे... बचपन की कहानी

फिर से सुनाओ ना... 


© Niraj Yadav 🇮🇳

(Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

माँ का प्यार

माँ का प्यार


तुने मुझको इतना दुलारा, 

हूँ मैं तेरा सबसे प्यारा।

भूखे पेट कभी तुने सोने नहीं दिया मुझको, 

ख़ुद आँसू बहा ली मगर रोने नहीं दिया मुझको।


सदा तुने काला टीका लगाया, 

बुरी नज़रों से तुने मुझे बचाया।

और आज मैं तुझसे कई कोस दूर हूँ, 

ऐ माँ! मैं बहुत मजबूर हूँ।


सर्दियों की छुट्टी में तेरे पास आऊंगा माँ, 

तेरे हाथों के पकवान फिर खाऊंगा माँ।

तेरे आंचल में लिपटकर सो जाऊंगा माँ, 

बचपन की कहानियों में फिर खो जाऊंगा माँ।


मन नहीं करेगा फिर तुझे छोड़कर जाने को, 

मेरे हाथों की जली रोटियां फिर तोड़कर खाने को।

फिर अगले छुट्टी का इंतज़ार करता रहूँगा, 

वहीं से तुझे माँ प्यार करता रहूँगा।


©Niraj Yadav (Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।