Thursday, 29 October 2020

शायरी✍️✍️✍️🙏🙏 माता - पिता

जिसनें हमें जीवन दिया,

पूरी जिंदगी हमारे लिए चिंतन किया।

आखिर उन्हें हम क्यों भूला रहें है ?

जबकि भगवान हमारे पास ही है, तो किसको हम बूला रहे हैं?


                                       - कवि निरज यादव

Submitted for anthology


मेरा परिचय
मैं 10वीं कक्षा का छात्र हुँ। मेरा जन्म बिहार के मोतिहारी जिले के नयकाटोला गाँव मे हुआ हैं।
मेरे द्वारा रचित पुस्तक को जरूर पढ़े......



शायरी✍️✍️✍️✍️

 ये देश - देश की बात है।

भरी रोशनी मे भी रात है।

बिटियाँँ यहाँ नहीं  है सुरक्षित,
चारों तरफ की यही हालात है।

                     - निरज यादव

Submitted for anthology ( BEJUBAN ISHQ)

मेरा परिचय
मैं 10वीं कक्षा का छात्र हुँ। मेरा जन्म बिहार के मोतिहारी जिला के नयकाटोला गाँव मे हुआ हैं।
मेरे द्वारा रचित पुस्तक को जरूर पढ़े......



 

शायरी✍️✍️✍️

जो आमने - सामने से जवाब दें, ऐसा जुबान चाहिए।

जो 24 घण्टें सिमा पर डटे रहें, ऐसा जवान चाहिए।

करें ना कभी जो आपस मे लड़ाई, 

सबके बीच एकता हो, वैसा हिन्दूस्तान चाहिए।

Sunday, 25 October 2020

माँ से ही दुनियाँ महान होती है।




माँ बच्चों की प्राण होती है।
माँ ही हमारी ज्ञान की ज्योती है।
माँ ही है सबसे सर्वश्रेष्ठ,
माँ से ही दुनियाँ महान होती है।


माँ बिना पूरा जहान रोती है।
माँ को छोड़कर मंदिरों मे क्यो पूजा-पाठ होती? 
माँ कोई देवियों से कम नहीं,
तो माँ हमेशा क्यों अपमान होती है? 


माँ से ही निशा और बिहान होती है।
माँ से ही हमारी जिंदगी मे उड़ान होती है।
माँ सब कुछ है हमारे लिए,
माँ से ही दुनियाँ महान होती है।


माँ से ही हमारी पहचान होती है।
हमारी सफलता मे माँ की योगदान होती हैं।
माँ से ही तो हम सब कुछ सिखते हैं, 
माँ से ही दुनियाँ महान होती है।



हिन्दी से प्यार किजिये

हमे गर्व है कि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है। और आज हिन्दी भाषा की प्रयोग कई देशों - विदेशों मे की जा रही हैं।
लेकिन हमें यह जानकर अफसोस होती हैं कि हमारे भारत के कई शहरों के लोगों को हिन्दी भाषा बोलने मे कठिनाई होती है।

पर इस बात की उतनी अफसोस नही कि उन्हें हिन्दी बोलने नहीं आती। 
अफसोस तो इस बात की है कि वे कभी हिन्दी सिखना ही नही चाहते।
उन्हे तो अंग्रेजी या अन्य भषाओं मे दिलचस्वी होती है।
मेरे लिए सब भाषा एक सम्मान है लेकिन हमें कभी भी अपनी पहचान नही भुलानी चाहिए।
हिन्दी ही हमारी पहचान है।

हिन्दी से प्यार कीजिए

हमारे राष्ट्र भाषा को अधिकार दीजिए।
मिठी स्वर में बोलकर हिन्दी को सवाँर दीजिए।
जितना प्यार करते हो भारत माता से,
उतना ही हिन्दी से प्यार कीजिए।

जल्दबाज़ी ना करें, कुछ इंतिज़ार कीजिए।
एक बार में ना हो तो बार-बार कीजिए।
कम-से-कम आज तो अंग्रेजी छोड़कर,
हिन्दी से प्यार कीजिए।

अपने हिन्दी की बोल सुधार कीजिए।
हिन्दी को अपने दिल मे उतार लीजिए।
जब दिल में हिन्दी बस जाये तो फिर,
हिन्दी से प्यार कीजिए।

हिन्दी पढ़े-लिखों से अच्छा व्यवहार कीजिए।
हिन्दी सिखाकर अपने बच्चों को अच्छा संस्कार दीजिए।
जितना प्यार करते हो अपने तिरंगे से,
उतना ही हिन्दी से प्यार कीजिए।

पढ़-लिखकर भारत में ही कारोबार कीजिए।
अपने ज्ञान से भारत में ही कुछ तैयार कीजिए।
जितना प्यार करते हो उस भारत के सैनिकों से,
उतना ही हिन्दी से प्यार कीजिए।

निवेदन है एक बार दिल से विचार कीजिए।
हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है उसको स्वीकार कीजिए।
तब जाकर अपने होश -हवास में ,
हिन्दी से प्यार कीजिए।

Wednesday, 21 October 2020

शायरी

लगेगा ऐसा कि हो रहा चारों तरफ चमत्कार।

पुरे बिहार मे जलेंगी ललटेन, मिट जायेगा अन्धकार।

कि अब कोई काम मे और नही होगी देर,

क्योंकि आ रहा है, तेज रफ्तार - तेजस्वी सरकार।


                                           - कवि निरज यादव


Visit on

Amazon Kindle

Google Book

Facebook link of Rudra Publications


Sunday, 18 October 2020

हमारे शिक्षक

पूरे साल भर मेहनत करते,

मन लगाकर पढ़ाते हमे।

जो ना समझ में आये हमको,

दोबारा समझाते हमे।


परीक्षा में अच्छा परिणाम आये,

इसके लिए जी - जान वो लगा देते हैं।

चाहे जितना भी मूर्ख हों हम ,

अपने परिश्नम से सफल बना देते हैं।


जब ग़लत राह पर चलते हम,

सही राह वो बताते हैं।

जो आँँधी में भी जलकर रोशनी फैलाये,

वैसा दीप बनाते हमे।


समाज के जाति - धर्म का भेद - भाव,

मिटाने को सिखाते हमे।

सभी धर्मों का आदर सम्मान,

करने को सिखाते हमे।


हमारे महान शिक्षकों को,

मेरा कर जोड़कर प्रणाम है।

मेरी यह छोटी - सी रचना,

उनके लिए एक सम्मान है।

(Submitted to HTW)

वही सबसे बड़ा महान है

माँ हमारी भगवान है।

माँ ही हमारी बाइबिल, गीता और कुरान है।

जो सच्ची  सेवा करे उनकी,

वही सबसे बड़ा महान है।


माँ ही हमारी पहली भूगोल, गणित और विज्ञान है।

हम तारे बनकर चमकते हैं जिनमें, माँ वो आसमान है।

जो माँ की चरण हमेशा स्पर्श करे,

वही सबसे बड़ा महान है।


माँ हमारी छोटी-सी दिल मे पूरा जहान है।

माँ ही हमारी निशा और बिहान है।

जो माँ को अपने दिल मे बसा ले,

वही सबसे बड़ा महान है।


माँ ही तो हमारे लिए, क़ीमती वरदान है।

माँ की सेवा करना यही तो सबसे बड़ा ज्ञान है।

जो माँ को हमेशा खुश रखे,

वही सबसे बड़ा महान है।


(Submitted to HTW)

शायरी

 यूँ तो करते हो कईयों से प्यार।

अपने देश से भी प्रेम करो मेरे यार।

भले जाते हो शहर, तुम जाओं,

लेकिन भुल मत जाना अपने घर - द्वार।

                                                   - निरज यादव

मेरे द्वारा रचित पुस्तक अब Amazon पर उपलब्ध हैं

कविताएँ कोरोना काल की

मेरे अन्य ब्लौग पेज पर कविताएँ और शायरी पढ़ने के लिए दिये गए पर क्लिक करें

Poem Droplets

“Niraj and Dolly” poetry world


Friday, 9 October 2020

नागालैण्ड

चारों  तरफ  पहाड़ है , गिरता  झरने  से पानी,

कहीं और की नही, ये है नागालैण्ड की कहानी।

यहाँ तुमको मिलेगा प्रकृति की सुन्दरता भरपूर,

एक बार देखने आना नागालैण्ड तुम जरूर।

         
                              -- कवि निरज यादव

Submitted for anthology


मेरे द्वारा रचित पुस्तक को पढ़ने के लिए दिये गए लिंक पर क्लिक करें।👇


Nitu Kumari


                          सीख


किसी गाँव मे एक  हरि नाम का किसान रहता था। हरि के तीन पुत्र थे -- जगदराम, परमजीत और मगन । जगदराम अपने पिता के साथ खेती - बारी करता था। और परमजीत टोपी बेचने का व्यापार करता था। तथा मगन बहुत कामचोर था। वह दिनभर दोस्तों के साथ घुमते रहता । 

        हरि एक दिन जगदराम को कहता है  - “ जगद, मगन को अपने साथ लेकर खेत मे आना”। जगदराम बोला - “ठीक है बाबू जी”।

         थोड़ी देर बाद जगदराम, मगन को खेत मे लेकर आता है। दोनो भाई और उनके पिता मिलकर काम कर रहे थे। कुछ घण्टे बाद  मगन अपने पिता से कहता है - “ बाबू जी, मैं बहुत थक गया हूँ। क्या मैं थोड़ी देर के लिए आराम कर लूँ।”
हरि ने जवाब देते हुए कहा - “जाओ उस पेड़ के नीचे थोड़ी देर आराम कर लो”। 

          लेकिन मगन वहाँ सुखभरी नींद लेने लगता है। जगदराम और उसके पिता हरि पुरा काम खत्म करके आते है तो उन्होंने देखा कि मगन अभी तक सोया हुआ था। मगन को जगाकर कहते हैं , “घर चलो, काम खत्म हो गया।”

          हरि,  मगन को लेकर बहुत चिंतित रहता था। वह हमेशा सोचता कि उसके  गुज़र जाने पर मगन का क्या होगा।
हरि और उसके दोनों बेटे तथा दोनों बहूयें एक दिन आपस में बात -चीत करते हैं। मगन को कल सुबह हमलोग मिलकर समझायेंगे।

           अगले दिन मगन को सभी परिवार वाले समझाते हैं कि तुम कोई काम करो, वरना आगे चलकर तुम्हें कष्ट झेलना पड़ सकता है। फिर भी मगन पर कोई असर ना पड़ा। मगन जैसा - का -तैसा ही रह जाता है। मगन की कामचोरी दिन -प्रति-दिन बढ़ती ही  चली गई। 

           एक दिन हरि बहुत बीमार पड़  जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। हरि मरते वक्त भी अपने बेटे मगन को बहुत समझा रहे थे। 

           जैसे -जैसे समय बितता गया। मगन के भाईयों ने उसे कहा - “तुम खेती में हाथ बटाओ या फिर अपने बड़े भाई परमजीत के साथ टोपी बेचने का व्यापार करो। नहीं तो अपना कोई कारोबार शुरू कर लो।”

अगर ऐसे ही बैठे रहोगे तो हम तुम्हें अपने साथ नहीं रख सकते”।  
             यह सब सुनकर मगन को गुस्सा आया और वह उसी दिन घर छोड़कर चला गया। जब दूसरे शहर में पहुंचा तब तक मगन को भूख -प्यास से बुरा हाल हो गया था। 

             तब वह पास के होटल में जाता है और उसके मालिक को कहता है, “मुझे बहुत भूख लगी है, क्या मुझे कुछ खाने को मिलेगा?”
होटल के मालिक जबाब देते हुए कहां, यहाँ किसी को खाना मुफ़्त में नहीं दिया जाता है। अगर तुम चाहो तो कुछ दिनों तक बर्तन धोने का काम कर सकते हो क्योंकि रामू अभी गाँव गया है। और तुम्हें खाना भी मिलेगा।”

             मगन ने थोड़ी -सी भी देरी नहीं की और काम को स्वीकार कर लिया। किसी ने ठीक ही कहा है, ‛मरता क्या न करता ’। कई दिनों तक मगन यही काम करता रहा। एक दिन मगन को तेज बुखार हो गया। उस दिन वह काम नहीं कर सका इसलिए उसके मालिक ने उसको कुछ खाने को नहीं दिया। 

              तब जाकर मगन अगले दिन ही अपने घर की ओर चल पड़ता है। उसने जो किया था उसके लिए वह बहुत शर्मिंदा था।
घर पहुँचकर अपने भाइयों से माफ़ी माँगता है और पूरी लगन और मेहनत के साथ अपना काम करने लगता है। 

               उसके जीवन मे काफ़ी बदलाव आया। अब तब तो वह समझ गया था कि हमे अपने परिवार को कभी नहीं ठुकराना चाहिए।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

लेखिका - नितु कुमारी
परिचय: 
नितु कुमारी का जन्म बिहार के मोतिहारी जिले के नयकाटोला गाँव मे हुई है। उसके पिता का नाम श्री दीनानाथ यादव है और माता का नाम श्रीमती चिंता देवी है। वह कवि निरज यादव जी के बहन है।








नितु कुमारी का जन्म बिहार राज्य के पूर्वी चम्पारण जिले के भोपतपुर नयकाटोला गाँव में हुआ है। उनकी पिता का नाम श्री दीनानाथ प्रसाद यादव और माता का नाम श्रीमती चिंता देवी है। उनकी पिता एक किसान है और उनकी माता गृहिणी है। उनकी दो भाई है - निरज यादव और बब्लु यादव। उनकी एक छोटी बहन भी है जिनका नाम नेहा कुमारी है। इन्होंने अपने बड़े भाई से प्रेरित होकर कहानी लिखना शुरू किया है। 
इनकी प्रथम कहानी “हमारी कलम-हमारी ताकत” साझा-संगह में प्रकाशित हुई है। 



Thursday, 1 October 2020

जय बापू - जय बापू - जय बापू हमारे

 जय बापू , जय बापू , जय बापू हमारे (2)

देश  को आजा़द किये और हमारे जिंदगी को सँवारे (2)

💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥

भारत मे ही आते बापू , आपने अंग्रेजी भेष उतारी (2)

धोती को अपनाया आपने , चम्पारण सत्याग्रह के लिए गए मोतिहारी (2)

जय बापू , जय बापू , जय बापू हमारे ।

देश  को आजा़द किये और हमारे जिंदगी को सँवारे ।

💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥

समुंदर मे डुबते नाव को किये आपने किनारे (2)

तुम ही हो दुलारे - प्यारे , राष्ट्र - पिता हमारे (2)

जय बापू , जय बापू , जय बापू हमारे ।

देश  को आजा़द किये और हमारे जिंदगी को सँवारे ।

💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥

भारत को आज़ाद करके , अंग्रेजो को भगाया (2)

पुरी देश और दुनियाँ मे , आपने भारत का मान बढ़ाया (2)

जय बापू , जय बापू , जय बापू हमारे ।

देश  को आजा़द किये और हमारे जिंदगी को सँवारे ।

💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥

आपने ऐसा काम किया कि , पैसो पर तस्वीर छ्पे तुम्हारे (2)

आपने ऐसा आंदोलन किया कि , हम जिते और अंग्रेज हारे (2)

जय बापू , जय बापू , जय बापू हमारे ।

देश  को आजा़द किये और हमारे जिंदगी को सँवारे ।

💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥

जय बापू , जय बापू , जय बापू हमारे (2)

देश  को आजा़द किये और हमारे जिंदगी को सँवारे (2)

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

                                             कवि निरज यादव

यह कविता गाँधी जी के सम्मान मे लिखी गई है। अगर आपको अच्छी लगे तो कॉमेंट करें।

“कविताएँँ  कोरोना काल की" पुस्तक के लेखक


गमछा

इस गमछे की एहमियत हमें बचाये रखना है। दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे? गमछा सदा लगाये रखना है।